Monday 11 April 2016

ब्रोफैट क्या है ?

ब्रोफैट रासायनिक ईन्जीनियंग तक्नीक का बेचोड़ नमूना है।. जिसमें संतुलित मात्रा में संतृप्त फैटी एसिड(SAFA), एकल असंतृप्त फैटी एसिड (MUFA) व बहुसंतृप्त फैटी एसिड (PUFA), एन्टीऔक्सीडेन्ट इन्ज़ाईम तथा फॉस्फोलिपिड होने से इसका साधारण तेलों से भिन्न स्वरूप है।
यह मिश्रित वनस्पति स्रोतों से बना संपूर्ण शाकाहारी  पोल्ट्री संपूरक आहार है।
यह सभी नस्ल के ब्रोइलरों और अंडे देने वाली मुर्गियो को खिलाया जा सकता है।
पोल्ट्री ईन्डस्ट्री में फैट कई रंग रूप व प्रकार के जैसे कि क्रूड सोया तेल, पाम का तेल व राईसब्रान तेल इत्यादि आहार में मुख्यतः ऊर्जा पूर्ति हेतु उपयोग होते है।
विश्व भर व भारत  में खाध्य तेलों की बढती मांग ।सोल्वेंट एक्सट्रैक्शन एसोशियेशन (SEA) के अनुमान अनुसार खाध्य तेल की मांग 2025 तक प्रति वर्ष 3 प्रतिशत की दर से बढते हुए 2 करोङ 78 लाख टन हो सकती है या कहीं अधिक । उधर पोल्ट्री फीड के निर्माताओं का  क्रूड वनस्पति तेलों व खाध्य तेलों पर बढती निर्भरता भावों में तेजी को बढावा देती है। ऍसे में खाध्य तेलों पर बढती निर्भरता देश के अति हानिकारक हो सकती है ।
क्रूड वनस्पति तेलों व खाध्य तेलों की आवशयकता नहीं अपितु  किफायती तेल ही सही है क्योंकि क्रूड वनस्पति तेल व खाध्य तेल या तो अधिक या कम गुणकारी होते हैं अर्थात् सही मायनों में अनुपयुक्त हैं।
उदाहरणतः सोयाबीन तेल में  संतृप्त फैटी एसिड SAFA, मोनो असंतृप्त फैटी एसिडMUFA की मात्रा कम और  PUFA बहु असंतृप्त फैटी एसिड अति अधिक,जिससे वह आक्सीकरण के प्रति संवेदरशील व कीमती है। उधर राईसब्रान तेल में कम ऊर्जा लगभग 7800 किलो केलोरी प्रति कि.,गाद व मोम की मिलावट 2 से 3 प्रतिशत , गैर ट्राईग्लिसराइड मिश्रण की अधिक मात्रा , कैलशियम व फासफोरस का असन्तुलन तथा फासफोलिपिड की मात्रा भी  कम है वहीं पाम का तेल कम उर्जा 7400 कि. कैलोरी, संतृप्त फैटी एसिड SAFA की मात्रा अधिक, जमने की समस्या ऊपर से आयोडीन की मात्रा कम।.
फैक्ट्री से निकले तेलों की समस्या है उनका रखरखाव उन्हें अधिक समय रख पाना कठिन होता है क्योंकि वह तुरन्त आकसिडाईज. हो जाते हैं।  
तेलों की मुर्गी को आवश्यकता न केवल ऊर्जा के लिए अपितु आवश्यक पोषक तत्व जैसे अमीनो एसिड,आहार में अनिवार्य तत्व जैसे लिनोलीक acid (18:2, n-6) एवं लिनोलेनिक acid (18:3, n-3) आसानी से अवशोषित हो जाते हैं. (Dvorin, et al., 1998) फैट में घुलनशील होने के कारण विटामिन A,D,E K आसानी से अवशोषित हो जाते हैं.(Iqbal and Hussain, 2009) जोकि की रखरखाव व उर्जा तथा विकास और अच्छे अण्डे देने में भी अपनी अहम भूमिका निभाते हैं।
पोल्ट्री आहार की अति ऊर्जा आपूर्ति हेतु फैट कारबोज व प्रोटीन से बेहतर विकल्प है। उपर से फैट अपने साथ दूसरे आवश्यक तत्वों का भी अवशोशन बढाता है। दूसरे आवशयक तत्वों के बढते दामों के कारण भी फैट एक अच्छा विकल्प दिखाई देता है।
फैट पाचन व ऊपचय ऊर्जा अवशोषण पर जानकारी अधिकतर 20 से 30 वर्ष पुरानी है जबकि आजकल की नस्लों की पाचन व ऊपचय ऊर्जा अवशोषण क्षमता पहले से अधिक विकसित है (यंग 1961, लैजांयर व साथी 1982, वाईजंमैन व साथी 1986) का ऐसा मानना है।
आजकल की नई नस्लों पर की गयी रिसर्च और उनसे मिली जानकारी एकत्रित कर हमने आपके समक्ष एक मिश्रित फैट ब्रोफैट आर एच टी ।।  बनाया है

BROFAT RHT II ब्रोफेट की विशेषताएं
· उच्च AME(आभासी उपचय उर्जा) + अतिरिक्त केलोरिक मूल्य,
· संतुलित मात्रा में SAFA(संतृप्त फैटी एसिड), MUFA(मोनो असंतृप्त फैटी एसिड) एवं PUFA(बहु असंतृप्त फैटी एसिड),  
· यह फैट, अमीनो फैटी एसिड, पोषक तत्व तथा विटामिनो के अवशोषण को बढ़ाता है.
· यह इमल्शन बनाने में सहायक है तथा लाइपेज़ की क्रियाशीलता बढाकर आहार नली में भोजन की गति को तीव्र करता है.
· यह उष्मीय तनाव कम करता है,
· परओक्साइड मूल्य कम और सिथर होने के कारण देर तक खराब नहीं होता.
· यह आहार को अधिक समय तक रोककर रखता है.
· यह देखने और स्वाद में बेहतर है तथा बेहतर समन्वय गुणों के कारण पिसे हुऐ दाने दाने में समानता से घुल मिल जाता है.
· निम्न MIU(नमी, अघुलनशीलता, असाबुनिकरण गुण), उच्च उर्जा (8800 किलोकेलोरी/किलोग्राम),
· पर्याप्त फस्फोलिपिड के कारण वसा(फैट) की पाचकता एवं अवशोषण अधिक होता है.
· यदि आरंभ से खिलाया जाये तो इसका प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ होता है क्योंकि इसे पचाना आसान है.
· यह अंडो का उत्पादन व उर्वरता को बढ़ाता है. इससे असामान्य अन्डो की संख्या और भ्रूण मृत्युदर में कमी होती है.
· इसमें सवतंत्र फैटी एसिड (FFA)सथाई होने के कारण इसकी शेल्फ लाइफ 6 माह है और यह शीघ्र खराब नहीं होता.
· यह सभी नस्ल के ब्रोइलरों और अंडे देने वाली मुर्गियो को खिलाया जा सकता है.
मुर्गी का माँस अधिक रसीला व पोषक बनता है

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पृष्ठ संख्या १ 


पृष्ठ संख्या २ 


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